इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर से जुड़ेगी पब्लिक हेल्थ के स्काडा जलघर की लाइनें, यदि लीकेज हुई तो सेंटर पर अलर्ट पहुंचेगा
इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर से जुड़ेगी पब्लिक हेल्थ के स्काडा जलघर की लाइनें, यदि लीकेज हुई तो सेंटर पर अलर्ट पहुंचेगा
खेत खजाना : सिरसा, प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हिसार में बनाए जाने वाले आईसीसीसी (इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर) से शहर का स्काडा जलपर भी जोड़ा जाएगा। इसी सेंटर से स्काडा का ऑपरेशनल सिस्टम जोड़ा जाएगा। कांड कंट्रोल सेंटर से ही इसकी निगरानी भी होगी। अगर कहीं लाइन में फाल्ट या लीकेज है तो इस सेंटर पर अलर्ट पहुंच जाएगा। नगर निगम ने पब्लिक हेल्थ विभाग से डेटा, नक्शे और डिजाइन मांगे हैं। इन्हें सत्यापित करके दो दिन के भीतर भेजने के लिए लिखा है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि आईसीसीसी प्रोजेक्ट का खाका तैयार किया जा चुका है। इसमें अभी कुछ और शामिल किया जा रहा है। जल्द ही फाइनल डीपीआर बानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। मुख्यालय स्तर पर इसे हरी झंडी मिलते ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगा। इसको लेकर (आरएफपी) रिक्वेस्ट फोर प्रपोजल भी तैयार किया जा चुका है।
सर्विलांस सिस्टम, ट्रैफिक लाइटें, स्ट्रीट लाइटों सहित कई सर्विस जुड़ेंगी
आईसीसीसी से सर्विलांस सिस्टम जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ट्रैफिक लाइटें, स्ट्रीट लाइटें, डोर टू डोर कुड़ा उठाने वाले वाहनों का जीपीएस सिस्टम भी इसी से जोड़ जाएगा। नगर निगम इस कंट्रोल सेंटर को ऑटो मार्केट स्थित इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की बिल्डिंग में स्थापित किया जाएगा। आईसीसीसी को लुक देने के लिए इंटीरियर को भी होगा
काम आईसीसीसी को सुंदर लुक दिया जाएगा। इसको लेकर अलग-अलग एजेंसी इंटीरियर का काम करने के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रही है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि उनसे एक-एक ऐसी एजेंसी मुलाकात कर चुकी है जो साढ़े 300 से ज्यादा ऑफिस का इंटीरियर का काम कर चुकी है।
कई विभागों की सर्विस जुड़ जाएगी, एचएसवीपी के एसटीपी भी होंगे कनेक्ट, पुलिस विभाग और पब्लिक हेल्थ का भी डेटा लिया
आईसीसीसी से कई अन्य विभागों की सर्विस भी जुड़ जाएगी। नगर निगम ने पुलिस, पब्लिक हेल्थ और एचएसवीपी से भी डेटा लिया है। एचएरस्वीपी के एसटीपी यानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी इससे जुड़ जाएंगे। एक की कंट्रोल सेंटर से ये सभी सर्विस मॉनीटर हो जाएंगी। जिससे कर्मचारियों को व्यवस्थाओं पर निगरानी करने में आसानी होगी। सेवाओं में अड़चनें कम होगी।
पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों को डेटा सत्यापित को लेकर। लेटर लिखा है। जो डेटा उनके पास पहुंचा है उसे दो दिन के भीतर सत्यापित करने के लिए लिखा गया है, ताकि आईसीसीसी में इसे भी एड किया
जा सके। संदीप धुंधवाल